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हँसी, कोमल बाम, सबसे टूटे हुए दिलों को भी चंगा करने की असाधारण शक्ति रखती है। इसका कोमल स्पर्श हमारे दर्द को गले लगाता है और निराशा की छाया को दूर करता है। इसके उत्साहपूर्ण आलिंगन में, दुखों को क्षण भर के लिए निलंबित कर दिया जाता है, आनंद की एक सिम्फनी द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है जो भीतर की दरारों को भर देता है। हँसी, फुसफुसाते हुए उपाय, आशा को पुनर्स्थापित करता है और लचीलेपन की रोशनी को फिर से जगाता है, हमें समय के अंधेरे के माध्यम से मार्गदर्शन करता है।

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George J. Ziogas
George J. Ziogas

Written by George J. Ziogas

Editor | Vocational Education Teacher | HR Consultant | Manners will take you where money won't | ziogasjgeorge@gmail.com

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