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इन्द्र ने कितनी अंतर्दृष्टि से पढ़ा! वाक्यांश "आइए हम समझ और सहानुभूति की तलाश करें, यह जानते हुए कि जिसे हम अच्छे या बुरे के रूप में देखते हैं वह हमारे अपने पूर्वाग्रहों और सीमाओं से रंगा जा सकता है" हमें खुले दिमाग और दयालु हृदय के साथ स्थितियों से निपटने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह हमें याद दिलाता है कि सही या गलत के बारे में हमारी धारणा हमारे व्यक्तिगत दृष्टिकोणों, अनुभवों और पूर्व धारणाओं से प्रभावित हो सकती है। समझ और सहानुभूति की तलाश करके, हम अंतराल को पाट सकते हैं, बाधाओं को तोड़ सकते हैं और दूसरों के विविध दृष्टिकोणों और अनुभवों के लिए करुणा और स्वीकृति की अधिक भावना विकसित कर सकते हैं।

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George J. Ziogas
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Written by George J. Ziogas

Editor | Vocational Education Teacher | HR Consultant | Manners will take you where money won't | ziogasjgeorge@gmail.com

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